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नान स्टाप राइटिंग चेलैंज 2022 एडीशन 1 एक विधवा की पीडा़ ( भाग 9)


           पल्लवी  छत पर चढ़कर अपने कपडे़ सुखारही थी तभी उसकी नजर नीचे को गयी तो पल्लवी भय से काँप गयी क्यौकि उसके जेठ की  आँखे उसे घूर रही थी। उसने अपनी नजर नीचे करली।

      बैसे भी पल्लवी अपने कमरे से बहुत ही कम निकलती थी। वह नहाने जाती थी और अपने कपडे़ सुखाने व उतारने छत पर जाती थी। वह परि वार से बहुत दूर होती जारही थी  कमल की मौत की जिम्मेदार उसी को ठहराया जारहा था।

     कमल की मौत के बाद सभी परिवा र के लोग उसे अभागिन और न जाने क्या क्या नाम से पुकारते थे। उसको एक छोटा सा स्टोर वाला कमरा देदिया गया था 

      पल्लवी को वही खाना देदिया जाता था उसके बर्तन भी आलग थे उसे किसी से मिलने की भी इजाजत नहीं थी। पल्लवी की सास के डर से कोई भी उससे बात करने का साहस भी नही करता था।

    एक दिन उसकी छोटी ननद उसे भाभी कहकर बुलाने लगी तो उसकी  सास ने अपनी बेटी को फटकारते हुए कहा," यह भाभी नही है यह मेरे बेटे को एक साल के भीतर ही खागयी यह कलमुही मेरे भाग्य मे  न जाने कहाँ से आगयी इसने शादी के बाद पहले अपने मा बाप को खाया उसके बाद मेरे बेटे को खागयी। अभी मालूम नही अब किसे खायेगी। चल यहाँ से आज के बाद इधर मत आना नही तो  तेरी टाँग तोड़कर रखदूँगी।

                     उस  दिन के बाद उसकी ननद भूल कर भी नही आई। आज पल्लवी अपने जेठ की नजर देखकर काँप गयी थी पहले भी उसके जेठ की दो आँखै उसे घूरती रहती थी। उसे इन आँखौ से डर भी लगता था।

      पल्लवी की सास अपने बडे बेटे राघव से बहुत डरती थी। क्यौकि राघव  सभी को बुरी तरह डाट देता था और वह लगोटे का भी बहुत कच्चा था। उसकी नजर में जो भी लड़की चढ़ जाती वह उसे पाने के लिए कुछ भी कर सकता था। यह बात खुद कमल ने ही पल्लवी को बताई थी।

     कमल ने पल्लवी को समझाते हुए कहा ,"  देख पल्लवी तुम मेरे भाई की नजरौ से दूर ही रहना। इनके लिए नाते रिश्ते कोई मायने नहीं रखते है। उनको जो भागयी फिर उसको हासिल करने के लिए कुछ भी कर सकते है। "

    उस दिन से पल्लवी कभी भी उनके सामने नहीं आना चाहती थी परन्तु आज उनकी दोनों आँखौ से घूर कर देखना याद करके पल्लवी  डर से काँप रही थी उसे डर लग रहा था।

      पल्लवी को रात को भी नीद नही आरही थी। वह क्या थी और आज वह  क्या हो गयी थी। उसका जीवन केवल एक बन्द कमरे तक ही सिमट कर रह गया था। पल्लवी के लिए वह कमरा ही सारे विश्व था।

      पल्लवी में  अब केवल  साँसें चल रही थी।उसे किसी भी बस्तु से मोह नही  रहा था।।

  ईश्वर को नजाने पल्लवी की खुशियाँ क्यौ नही अच्छी लगी थी जो उसके जीवन में इतना अन्धकार करने के बाद भी सन्तुष्टि नही हुई और उसके जीवन में एक भयंकर तूफान लाकर खडा़ कर दिया।

     अब राघव कैसे भी पल्लवी को पाना चाहता था और ़वह इसके लिए मौके  की प्रतीक्षा करने लगा। और एक दिन परिवार के सभी सदस्यौ को एक शादी में जाना था।

      केवल पल्लवी को ही घर पर रहना था क्यौकि पल्लवी को किसी भी प्रोग्राम मे जाने की अनुमति नहीं थी। उसके लिए एक नौकरानी को उसके पास छोड़कर सब चलेगये। राघव भी अपनी पत्नी के साथ गया। घर के सभी लोग शादी की मस्ती मे  थे परन्तु राघव चुपके से किसी का मौटर साइकिल लेकर घर वापिस आगया ।

          राघ़व चोर दरवाजे से अन्दर आगया और वह चुपचाप पल्लवी के दरवाजे को खुलवाने हेतु खटखटाने लगा।  पल्लवी के तो होश उड़गये कि इतनी रात को कौन उसके दरवाजे को खटखटा रहा है।जबकि मैन गेट पर ताला  लगाया था। फिर यह अन्दर कौन है और कैसे आया।

       दरवाजा लगातार खटखटाया जा रहा था  । बूढी औरत  भी दूसरे कमरे में सोरही थी।  राघव ने उस बूढी़ औरत के कमरे के गेट की बाहर से कुन्दी  लगादी थी।
 
     अन्त मे राघव ने  गेट को तोड़ दिया और वह काले कपडे़ से मुँह को ढकाहुआ अन्दर घुस गया। पल्लवी ने उसके सिर पर डन्डे से बार कर दिया जिससे ़ वह वहीं गिर गया और पल्लवी वहाँ से  भागकर उस बूढी़ औरत के  कमरे की कुन्डी खोलकर अन्दर घुस गयी और उसे अन्दर से बन्द कर लिया।

       जब तक राघव को होश आया तब तक यह  खबर बिजली की तरह चारौ तरफ  फैल चुकी थी कि राघव ने अपने भाई की विधवा को भी नही बक्सा वह तो वह अपनी चालाकी से बच गयी।

   जब घर के सदस्य शादी से बापिस आये तब वहाँ के हालात देखकर बहुत परेशान होगये।  राघव की ड्रैसिंग करवाई गयी। अब वह पल्लवी को वहाँ रखने में भी डर रहे थे कि आज तो वह बचगयी  भविष्य में इसका क्या भरोसा।

     अब सबने मिलकर पल्लवी को नारी निकेतन भेज दिया गया। इस तरह पल्लवी जेल से निकल कर  नारी निकेतन पहुँच गयी।

 नान स्टाप राटिंग चेलैनके लिएरचना।

नरेश शर्मा  " पचौरी "
 07/06/2 0
        




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7 Comments

Abhinav ji

09-Jun-2022 08:48 AM

Nice👍

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Kaushalya Rani

08-Jun-2022 05:33 PM

Nice

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Kusam Sharma

08-Jun-2022 05:28 PM

Very nice

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